माँ अब नींद नहीं आती
बस तेरी याद सताती है
एक शिकायत है तुझसे
अब तू लोरी नहीं सुनाती है
रातें बिन सपनो की हैं
दुनियां बिन अपनों की है
वैसे तो कोई दर्द नहीं
बस तेरी याद रुलाती है
माँ अब नींद नहीं आती
बस तेरी याद सताती है
एक शिकायत है तुझसे
अब तू लोरी नहीं सुनाती है ||
“ऋतेश “
yaminee
December 22, 2014 at 12:03 pmRula diya tune to..