Hindi Shayari“तू कुछ और था” Ritesh Kumar Mishra3 years ago1 year ago01 mins शक्लो सूरत और किरदार सब बदल लिए तूने वक़्त ने तेरे चेहरे का नक़ाब जो हटाया तू कुछ और था कुछ और ही नज़र आया“ऋतेश”Post navigationPrevious: “तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये”Next: “नज़्म जो लिखे थे तुम पर”Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment *Name * Email * Website Δ