![“क्या तुमने वो लड़की देखी है?”](https://poempanorama.in/wp-content/uploads/2023/09/IMG_4403-scaled-e1696942419533-420x382.jpg)
“क्या तुमने वो लड़की देखी है?”
क्या तुमने वो लड़की देखी है? अभी कुछ देर पहले जिसके ठहाकों से ये घर गूँज रहा था उसके नंगे ज़मीन से रगड़ते हुए पाओं की सरसराहट अभी तो गुजरी थी बगल से क्या तुमने वो लड़की देखी है? अपनी उलझी हुई लटों में उसने पूरा घर सुलझा रखा था घर में रौशनी रहे सूरज…