Emotional Hindi Poems"डबडबाई दो झीलों से" ritesh10 years ago8 years ago01 minsडबडबाई दो झीलों से बह चलीं खारे पानी की नहरें बात कुछ नहीं, बस उनकी याद आ गयी और छू गयीं, किनारों को लहरें ““ऋतेश “Post navigationPrevious: "माँ अब नींद नहीं आती"Next: "मैं कैसे भूल सकता हूँ "Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment *Name * Email * Website Δ