“मैं इंसान ही जन्मा था मैं इंसान ही मरूंगा”

हर बात में एक कहानी छुपी है जिसके पीछे किरदार छिपे है अलग-अलग नक़ाब लगाए हुए, छुपाते है अपनी असल शक़्ल को इस क़दर जो कभी सामना हो खुद का आईने से तो खुद की आँख भी धोखा खा जाये और नक़ाब ओढ़े हुए किरदार को खुद भी ना पहचान पाए यही फलसफा है दुनिया…

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"कलाम चला गया"

‘मिसाइल मैन’  ‘भारत रत्न’ ‘पूर्व राष्ट्रपति’ डा.ए पी जे अब्दुल कलाम भाव भीनी श्रद्धांजलि  ……………. सपने कैसे देखते हैं, वो बड़ी ज़ुल्फ़ों वाला सिखा गया जाते जाते वो फिर से इंकलाब जगा गया सुना है जबसे स्तब्ध है ये दिल, आसमां भी रो रहा है वो बड़ी ज़ुल्फ़ों वाला “कलाम” चला गया ख़ूबसूरती दिल में…

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Ritesh Mishra

"वो लड़का खामोश खड़ा"

वो लड़का खामोश खड़ा खिड़की से उस बिलकुल नए सूरज की ओर देख रहा था जो सुबह-सुबह अपनी पीली धूप से उसकी आँखे चकाचौंध कर रहा था बहुत तेज़ी से उसका सब कुछ उससे छूट रहा था जैसे सर्द रात की ओस घांस में अटकी रही हो, इठला रही हो अपने जीवन पे पर सहसा…

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"सरोज दिन-रात बुनती है कुछ मीठे सपने"

सरोज दिन-रात बुनती है कुछ मीठे सपने फिर उधेड़ती है, वापस बुनती है और थोड़ी देर में भूल जाती है सपनों के ऊन का गोला कहीं फिर झुंझलाती है, और बेरंग हो जाते हैं उसके सारे सपने……………………………………………………. मैंने बेहद करीब से देखा है, इक मासूम सा बचपन अभी भी तैरता है उसकी आँखों में जो…

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"अपना-अपना सब करते हैं"

अपना-अपना सब करते हैं, सबका क्या है पता नहीं इस झूठी धोखेबाज़ दुनियाँ में, अपना कौन है पता नहीं पैर लगा आगे बढ़ जाओ, वक़्त यही अब मांग रहा सफलता तमको तभी मिलेगी, हर व्यक्ति यही अब जान रहा गैरों की खातिरदारी में, रिश्तों की परवाह नहीं अपना-अपना सब करते हैं, सबका क्या है पता…

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"सुना है पिछली रात तुम बहुत रोये थे"

सुना है पिछली रात तुम बहुत रोये थे आँखों का सारा काजल फैला दिया था अपने गालों पर सुबह के तारे ने सब बता दिया है मुझको आंसू पोछ लो अब और मत रोना उस चाँद के लिए सदियों की अमावस तुम्ही ने मांगी थी उससे गुस्से में आकर और वो छुप गया है अँधेरा…

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