भूले से भी ना भूलेगी, हॉस्टल की वो पहली रात
याद रहेगी जीवन भर को सीनियर्स की सिखाई हर इक बात
सबसे पहले इंट्रो होता, फिर चलते शब्दों के बाण
कोई कहता डांस दिखाओ, मुश्किल में तब पड़ जाती जान
भूले से भी ना भूलेगी, हॉस्टल की वो पहली रात………………..
कोई जीन्स-टीशर्ट पे चिढ़ता, किसी का बेल्ट पे जाता ध्यान
पकड़ ना आये मुट्ठी में, सर पे बस हों उतने बाल
नज़र न उठने पाये ऊपर, तीसरी बटन पे रखो निगाह
अपने दोनों पैर सटाकर, पीछे बांधो अपने हाथ
भूले से भी ना भूलेगी, हॉस्टल की वो पहली रात………………..
दरवाज़े पर जब ठक- ठक होती, सुन्न हो जाते हाथ और पांव
धूप निकल आती रात को, छंट जाती तारों की छाव
कोई कहता ४२३ तो, कोई कहता ३०५
२०२ में तू आ जाना, उसको कहना ४०७
भूले से भी ना भूलेगी, हॉस्टल की वो पहली रात………………..
कौन है मोंटी सर, कौन डाकू सर
बाबा सर का क्या है नाम
मोगली सर का नाम ढूंढते
सुबह से हो गई है शाम
भूले से भी ना भूलेगी, हॉस्टल की वो पहली रात
याद रहेगी जीवन भर को सीनियर्स की सिखाई हर इक बात
“ऋतेश “