“कवितायेँ”

“कवितायेँ”

कवितायेँ माध्यम हैं अपनी  संवेदनाओ  को बताने की, कवितायेँ साधन है भीगी पलकों को सुखाने की,
ये हर दर्द को पन्नो पे खुरच देती हैं,
और हर ख़ुशी में आहिस्ते से हँस देती हैं,
कवितायेँ राह है मंज़िल पाने की,
कवितायेँ उम्मीद हैं सपने सजाने की,
कवितायेँ माध्यम हैं अपनी  संवेदनाओ  को बताने की, कवितायेँ साधन है भीगी पलकों को सुखाने की,

“ऋतेश “

3 comments
  1. Roshita
    Roshita
    July 24, 2014 at 11:50 am

    True !

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  2. Harsh@amateur-poet
    Harsh@amateur-poet
    July 24, 2014 at 11:08 pm

    कविता एक एहसास है, एकाकी का साथ है, जुस्तजू है खुद को जानने की, समझने की|
    रूहानियत है इसकी गहराई में, भावनाओ का उमड़ता हुआ सैलाब है|
    हर इंसान में छुपा एक ‘ऋतेश’ है, बस ज़रूरत है उस कवि को पहचानने की|

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  3. Ritesh Mishra
    Ritesh Mishra
    July 24, 2014 at 11:22 pm

    बहुत बहुत आभार आप सभी को…
    आप सबको समर्पित कुछ पंक्तियाँ……………………………….

    “जब खुश हो तो पन्नों पे हँस दो
    जज्बातों को शब्दों में कस दो

    गर अश्क़ बहाना पड़े कभी तो
    बूंदों को पन्नों पे रख दो

    फिर दिल हल्का हो जायेगा
    और नयी कविता बन जाएगी

    गम कोसों दूर हो जायेंगे
    ये जीवन का राह दिखाएंगी

    “ऋतेश “

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