“छोड़कर करवटें बदलना”
छोड़कर करवटें बदलना उठ जिंदगी तू नींद से कुछ पाने की उम्मीद से उठ जिंदगी तू नींद से नाज़ुक है सपनों की हक़ीक़त से कड़ी लेकर हाथों में पैगाम, सुबह की पीली धूप खडी बदल दे दुनिया का खाका, तू अपनी पहचान से तोड़कर ख्वाबों का धागा उठ जिंदगी तू नींद से कुछ पाने की…