इतना मुश्किल भी नहीं है, ये जीवन जीना
ज़रूरी है इक अच्छा इंसान बनना
जीत की महक इक दिन ज़रूर आएगी
ज़रूरी है एक सच्चा इंसान बनना
‘यूँ तो ख़ुशी और दर्द मिलते ही रहते हैं
ज़रूरी है दर्द को रेत पर लिखना
और खुशियों को पत्थरों पर तराशना’
रेत पर लिखा दर्द, हवा के इक झोके से उड़ जायेगा
पत्थरों पर तराशी खुशियों को कोई मिटा न पायेगा
ज़िंदगी से भागने से परेशानियां खत्म नहीं होंगी
ज़रूरी है ज़िंदगी का दामन थामना
इतना मुश्किल भी नहीं है, ये जीवन जीना
ज़रूरी है इक अच्छा इंसान बनना
जीत की महक इक दिन ज़रूर आएगी
ज़रूरी है एक सच्चा इंसान बनना ||
“ऋतेश “