"मैं कैसे भूल सकता हूँ "
वो मंज़र वो समंदर, मैं कैसे भूल सकता हूँ वो उजली रात, वो मीठी बात, मैं कैसे भूल सकता हूँ तेरा खिड़की के किनारे से मुझको तकना वो आँखों के इशारे से शिकायत करना वो हर याद, वो मुलाकात, मैं कैसे भूल सकता हूँ वो मंज़र वो समंदर, मैं कैसे भूल सकता हूँ है तू…