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October 16, 2025
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    1 year ago
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    “आजादी सबको है पर”

    2 years ago2 years ago
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    4 years ago2 years ago
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    4 years ago2 years ago
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Category: Hindi Shayari

Hindi Shayri Written By “Ritesh Kumar Mishra”

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“तू कुछ और था”

Ritesh Kumar Mishra4 years ago2 years ago01 min

शक्लो सूरत और किरदार सब बदल लिए तूने वक़्त ने तेरे चेहरे का नक़ाब जो हटाया तू कुछ और था कुछ और ही नज़र आया “ऋतेश”

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“तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये”

Ritesh Kumar Mishra4 years ago2 years ago01 min

डरता हूँ तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये एक पूरा मौसम लगता है उसे वापस तुम्हारे होंठो तक ला पाने में मुझको “ऋतेश“

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“खड़े हैं इस किनारे”

RItesh Kumar Mishra9 years ago2 years ago01 mins

खड़े हैं इस किनारे, जाना है उस पार किसकी सलाह ली जाये जमा है हमारे इर्द-गिर्द नकाबपोशों की फ़ौज़ सच्चा कौन है ये पहचान कैसे की जाये “ऋतेश”

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"हैं ढेरों कश्तियाँ सामने मेरे"

RItesh Kumar Mishra10 years ago2 years ago01 mins

हैं ढेरों कश्तियाँ सामने मेरे समझ नहीं आता किसे साथ लेकर दरिया पार हो जाऊँ या डूब कर दरिया का ही हो जाऊं “ऋतेश””    

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"सोचिये आज कैसे ये हालात हैं"

RItesh Kumar Mishra10 years ago2 years ago01 min

सोचिये आज कैसे ये हालात हैं बदले से सबके खयालात हैं अपनों के लिए वक़्त की कमी है हमे गैरों पे हम इतने मेहरबान हैं “”ऋतेश”

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“सांसो की सुई में वक़्त का धागा डालकर”

खुद से क्या कहूँ खुद के बारे मे
ज़िन्दगी एक दरिया, मैं लहरों का सैलाब हूँ
मेरी पहचान मेरी आवाज़ से हैं
भावनाओ का समंदर, मैं कलम का इंकलाब हूँ ”
“ऋतेश “
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