“थोड़ा सा फर्क पड़ेगा, तुम्हे भी और मुझे भी”

थोड़ा सा फर्क पड़ेगा, तुम्हे भी और मुझे भी जब हम दूर हो जायेंगे, नदी के दो किनारो के जैसे जो कभी नहीं मिलते थोड़ा सा फर्क पड़ेगा, तुम्हे भी और मुझे भी जब हम चुप हो जायेंगे, पत्थर की तरह जो कभी बोलते नहीं थोड़ा सा फर्क पड़ेगा, तुम्हे भी और मुझे भी जब…

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