बहते जाना पानी की फितरत है
पर समंदर की लहरों का भी दायरा होता है
उनकी लहरों का भी किनारा होता है
यूँ तो साथ रहते हैं हम सभी
सबको अपना कहते हैं हम सभी
पर अक्सर नज़दीकियों में भी फ़ासला होता है
अपनों को ठुकराने का हौसला होता है
बहते जाना पानी की फितरत है
पर समंदर की लहरों का भी दायरा होता है
कहते हैं फैसलों के लिए समझ चाहिए
ज़िंदगी में जीतने को हौसला चाहिए
पर ठोकर उन्हें भी लग जाती है अक्सर
जिन्हे ज़िंदगी का तज़ुर्बा होता है
बहते जाना पानी की फितरत है
पर समंदर की लहरों का भी दायरा होता है ॥
“ऋतेश “