Tag: Kavita

“कुछ अच्छा करना है तो सोच बदलो”

कुछ अच्छा करना है तो सोच बदलो ज़िद करो, ज़िद्दी बनो, उठो, रेंगो मत दौड़ो, मंज़िल बहुत दूर नहीं है वो बस तुम्हारी उम्मीद और मेहनत के इक महीन धागे से बंधी है तुम्हारा हौसला उसे और मज़बूत करेगा थको मत, दुनिया बदलने का माद्दा है तुममे खुद को पहचानो और बदल दो खाका इस […]

"तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ"

तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ तेरी नीली आँखों से कुछ ख्वाब चुराने आया हूँ ना दे इल्ज़ाम तू चोरी का, मैं चोर नहीं दीवाना हूँ इस रात की बस औकात मेरी, मैं नन्हा इक परवाना हूँ ले चलूँ तुझे तारों की छाँव, आ चल मैं लेने आया हूँ तेरी मीठी रातों […]

"बहते जाना पानी की फितरत है"

बहते जाना पानी की फितरत है पर समंदर की लहरों का भी दायरा होता है उनकी लहरों का भी किनारा होता है यूँ तो साथ रहते हैं हम सभी सबको अपना कहते हैं हम सभी पर अक्सर नज़दीकियों में भी फ़ासला होता है अपनों को ठुकराने का हौसला होता है बहते जाना पानी की फितरत […]

"मैं कैसे भूल सकता हूँ "

वो मंज़र वो समंदर, मैं कैसे भूल सकता हूँ वो उजली रात, वो मीठी बात, मैं कैसे भूल सकता हूँ तेरा खिड़की के किनारे से मुझको तकना वो आँखों के इशारे से शिकायत करना वो हर याद, वो मुलाकात, मैं कैसे भूल सकता हूँ वो मंज़र वो समंदर, मैं कैसे भूल सकता हूँ है तू […]

"डबडबाई दो झीलों से"

डबडबाई दो झीलों से बह चलीं खारे पानी की नहरें बात कुछ नहीं, बस उनकी याद आ गयी और छू गयीं, किनारों को लहरें “ “ऋतेश “

"माँ अब नींद नहीं आती"

माँ अब नींद नहीं आती बस तेरी याद सताती है एक शिकायत है तुझसे अब तू लोरी नहीं सुनाती है रातें बिन सपनो की हैं दुनियां बिन अपनों की है वैसे तो कोई दर्द नहीं बस तेरी याद रुलाती है माँ अब नींद नहीं आती बस तेरी याद सताती है एक शिकायत है तुझसे अब […]

"बात वो नहीं जो तुम समझ रहे हो "

बात वो नहीं जो तुम समझ रहे हो फर्क सिर्फ अंदाज़े-बयां का है ये सन्नाटा कुछ और नहीं, अंदेशा किसी बड़े तूफ़ान का है लगता है बदलेगी तस्वीर ज़िंदगी की दोबारा लिखी जाएगी तक़दीर ज़िंदगी की इस नयेपन पे मत जाओ, अंदाज़ा किसी बड़े बदलाव का है बात वो नहीं जो तुम समझ रहे हो […]

"कहाँ गयीं वो कहानियाँ भरी रातें "

कहाँ गयीं वो कहानियाँ भरी रातें घर के बुजुर्गों की सहूलियत भरी बातें चूल्हे पर सिकीं वो रोटियां कहाँ छिपाई है माँ ने मिठाई, रास्ता बताती वो चीटींया कहाँ गए वो खेलने कूदने के दिन कहाँ गयी वो मस्तियाँ बहते वक़्त में छूट गए वो हंसी किनारे कट जाएगी ज़िंदगी उन यादों के सहारे अब […]

"इतना मुश्किल भी नहीं है, ये जीवन जीना"

इतना मुश्किल भी नहीं है, ये जीवन जीना ज़रूरी है इक अच्छा इंसान बनना जीत की महक इक दिन ज़रूर आएगी ज़रूरी है एक सच्चा इंसान बनना ‘यूँ तो ख़ुशी और दर्द मिलते ही रहते हैं ज़रूरी है दर्द को रेत पर लिखना और खुशियों को पत्थरों पर तराशना’ रेत पर लिखा दर्द, हवा के […]