“तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये”
डरता हूँ तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये एक पूरा मौसम लगता है उसे वापस तुम्हारे होंठो तक ला पाने में मुझको “ऋतेश“
डरता हूँ तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये एक पूरा मौसम लगता है उसे वापस तुम्हारे होंठो तक ला पाने में मुझको “ऋतेश“
कुछ अच्छा करना है तो सोच बदलो ज़िद करो, ज़िद्दी बनो, उठो, रेंगो मत दौड़ो, मंज़िल बहुत दूर नहीं है वो बस तुम्हारी उम्मीद और मेहनत के इक महीन धागे से बंधी है तुम्हारा हौसला उसे और मज़बूत करेगा थको मत, दुनिया बदलने का माद्दा है तुममे खुद को पहचानो और बदल दो खाका इस […]