“कुछ अच्छा करना है तो सोच बदलो”

“कुछ अच्छा करना है तो सोच बदलो”


कुछ अच्छा करना है तो सोच बदलो
ज़िद करो, ज़िद्दी बनो, उठो, रेंगो मत
दौड़ो, मंज़िल बहुत दूर नहीं है
वो बस तुम्हारी उम्मीद और मेहनत के इक महीन धागे से बंधी है
तुम्हारा हौसला उसे और मज़बूत करेगा
थको मत, दुनिया बदलने का माद्दा है तुममे
खुद को पहचानो और बदल दो खाका इस समाज का अपने अंदर के उजाले से

कहते है ना, एकता में बल होता है
तुम आज अकेले हो, पर तुममे जोड़ने का हुनर भी है
भरोसा रखो, भीड़ भी होगी इक दिन तुम्हारे नक़्शे-कदम पर
चिलचिलाती धूप से मत तिलमिलाओ, सफर का मज़ा लो
अगर ठंडी रात में तारों की शीतल छाँव में एक गहरी निश्चिन्त नींद चाहते हो
बस धैर्य मत खोना, विचलित मत होना

तुम्हारा सृजनकर्ता तुम्हे देख रहा है और खुद पे गर्वित हो रहा है
अपनी अद्भुत रचना पर पुलकित हो रहा है
तुम सब में से नहीं हो, तुम कुछ अलग हो
तुम निश्छल हो, तुम समर्पण हो
तुम में हज़ारो रंग है होली के
तुम में प्रकाश है दिवाली का
तुम में मौज है संक्रात में उड़ती लहराती पतंगों सा
तुम में ताज़गी है सावन की पहली फुहारों सा

बस खुद को जानो, पहचानो, उठो, रेंगो मत
दौड़ो, मंज़िल बहुत दूर नहीं है
वो बस तुम्हारी उम्मीद और मेहनत के इक महीन धागे से बंधी है
तुम्हारा हौसला उसे और मज़बूत करेगा
थको मत, दुनिया बदलने का माद्दा है तुममे

“ऋतेश”

2 comments
  1. Tracy Glastrong
    November 3, 2017 at 1:25 pm

    Very impressive blog.

    Interesting article right on the subject.

    Reply
  2. Sannyfub
    Sannyfub
    December 7, 2018 at 11:18 am

    Make a more new posts please 🙂

    Reply
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