किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा
किसी को बस हमारा इंतज़ार रहा
उलझ कर रह गए हम रिश्तों की बेड़ियों में
सिर्फ वही था जिसे हमसे नफरत थी
ऐसे बहुत थे जिन्हे सिर्फ हमसे प्यार रहा”
“ऋतेश “
किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा
किसी को बस हमारा इंतज़ार रहा
उलझ कर रह गए हम रिश्तों की बेड़ियों में
सिर्फ वही था जिसे हमसे नफरत थी
ऐसे बहुत थे जिन्हे सिर्फ हमसे प्यार रहा”
“ऋतेश “
yaminee
December 22, 2014 at 11:57 amAwesome bhai…
rakesh
January 31, 2015 at 6:05 pmAwsm line dear Ritesh!!!!